SHIV CHALISA LYRICS IN GUJARATI PDF - AN OVERVIEW

shiv chalisa lyrics in gujarati pdf - An Overview

shiv chalisa lyrics in gujarati pdf - An Overview

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अर्थ: हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे (पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन से निकला यह विष इतना खतरनाक था कि उसकी एक बूंद भी ब्रह्मांड के लिए विनाशकारी थी) आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।

जन्म जन्म के पाप नसावे । अन्तवास शिवपुर में पावे ॥

प्रतिदिन शिव चालीसा का पाठ करने से आपके जीवन की कठनाईया दूर होती हैं ।

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥

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भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।

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जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥

जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥

पाठ पूरा हो जाने पर कलश का जल सारे घर में छिड़क दें।

प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥

किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

जय जय here जय हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।

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